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पुणे में भाजपा शहराध्यक्ष द्वारा झुंडशाही – गुंडशाही – बुलडोजरशाही का आरोप

पुणे में भाजपा शहराध्यक्ष द्वारा झुंडशाहीगुंडशाहीबुलडोजरशाही का आरोप

अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989″ के अंतर्गत भाजपा शहराध्यक्ष धीरज घाटे और अन्य 18 लोगों पर मामला दर्ज करने की मांग

ब्यूरो विशाल समाचार पुणे

पुणे:देश में अब तक भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बुलडोजर शाही देखने को मिली है, लेकिन अब पुणे में विरोधियों के खिलाफ भी भाजपा यह बुलडोजर चलाने की कोशिश कर रही है — ऐसा आरोप चैत्राली धाडवे-क्षीरसागर ने आज पुणे श्रमिक पत्रकार संघ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाया।

इस पत्रकार वार्ता में चैत्राली धाडवे-क्षीरसागर के साथ एडवोकेट आकाश साबळे, सागर धाडवे, और पुणे शहर युवक कांग्रेस के महासचिव आदि उपस्थित थे।

पिछले 4 महीनों से भाजपा शहराध्यक्ष एवं पूर्व सभागृह नेता धीरज घाटे द्वारा संचालित सानेगुरुजी नगर, नवि पेठ और लोकमान्य नगर स्थित जिम में भ्रष्टाचार और बिजली चोरी की खबरें सामने आ रही हैं। सानेगुरुजी नगर स्थित कार्यालय में महावितरण द्वारा धारा 135 के तहत कार्रवाई की गई, लेकिन वह केवल दिखावे की थी। इस प्रकरण में प्रसिद्ध अधिवक्ता असीम सरोदे ने नोटिस भी भेजा था और युवक कांग्रेस की ओर से आंदोलन भी हुआ।

 

इसी रंजिश के चलते युवक कांग्रेस के महासचिव सागर धाडवे की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी गई, उनके घर के बाहर गुंडों की भीड़ खड़ी की गई ताकि डर का माहौल बनाया जा सके। इस घटना की शिकायत पर्वती पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई। इसे चैत्राली ने झुंडशाही बताया।

 

इसके बाद, नवि पेठ क्षेत्र के एक आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति गणेश बोत्रे द्वारा फोन पर सागर धाडवे को धमकाया गया और फेसबुक पर “ठोक देंगे” जैसी धमकी भरी पोस्ट डाली गई। इसके बावजूद वह संदिग्ध रूप से धाडवे की सोसायटी के नीचे पाया गया – इसे गुंडशाही बताया गया।

 

फिर युवक कांग्रेस द्वारा महावितरण कार्यालय पर किए गए आंदोलन के बदले में, भाजपा शहराध्यक्ष के 18 समर्थकों ने एक ही ड्राफ्ट पर नाम-पते बदलकर सागर धाडवे के सुखसागर नगर स्थित पैतृक घर को गिराने की मांग करते हुए पुणे मनपा में शिकायतें दर्ज कराईं। केवल 2 घंटे में मनपा के निर्माण विभाग ने नोटिस जारी कर दी — इसे बुलडोजरशाही कहा गया।

 

इतना ही नहीं, उन शिकायतकर्ताओं में से कुछ ने धीरज घाटे के साथ हथियारों के साथ फोटो स्टेटस और धमकीभरे गाने व्हाट्सएप-फेसबुक पर डाले। यह एक बार फिर गुंडशाही की मिसाल है।

 

चैत्राली धाडवे-क्षीरसागर ने कहा कि भाजपा समर्थक अब उनकी जाति, पारिवारिक पृष्ठभूमि और उनके पति सागर धाडवे के सामाजिक कार्यों के चलते टार्गेट कर रहे हैं। धाडवे दंपत्ति का अंतरजातीय विवाह और सार्वजनिक जीवन में सक्रियता भाजपा कार्यकर्ताओं को खटक रही है।

 

उन्होंने भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन में धीरज घाटे और 18 अन्य लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई है। परंतु वरिष्ठ निरीक्षक श्री खिलारे द्वारा अब तक न तो जांच शुरू की गई है, न ही किसी की पूछताछ हुई है। एसीपी से संपर्क करने पर उन्होंने जांच के आदेश दिए, फिर भी खिलारे की ओर से टालमटोल की जा रही है।

चैत्राली धाडवे-क्षीरसागर ने दो टूक कहा:

“हमारे घर पर जो लोग आए, उन्हें हम डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान के रास्ते पर चलकर जवाब देंगे। ये लड़ाई हम रुकने नहीं देंगे।”

एडवोकेट आकाश साबळे ने कहा:

“किसी राजनैतिक व्यक्ति द्वारा अपने विरोधियों को टार्गेट करना गैरकानूनी और असंवैधानिक है। सागर धाडवे ने सामाजिक जिम्मेदारी से भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया, और उसके बदले में उन्हें और उनके परिवार को मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। यह पूरे संविधान का अपमान है।”

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