रीवा

मॉडल साइंस कॉलेज के विद्यार्थियों ने किया तनाव मुक्त जीवन एवं प्रसन्नता पर संवाद कार्यक्रम

मॉडल साइंस कॉलेज के विद्यार्थियों ने किया तनाव मुक्त जीवन एवं प्रसन्नता पर संवाद कार्यक्रम

 

रीवा आलोक कुमार तिवारी: शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय, रीवा के एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) और कला संकाय के विद्यार्थियों ने राज्य आनंद संस्थान, रीवा के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम युवाओं के तनाव निवारण, आत्म-नियंत्रण और जीवन में प्रसन्नता के अनुभव जैसे ज्वलंत विषयों पर आधारित था। संवाद का संचालन जिला प्रमुख डॉ. मुकेश एंगल ने किया।

 

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को तनावमुक्त जीवन जीने के गुर सिखाना और उन्हें आत्म-नियंत्रण की महत्ता समझाना था। साथ ही, जीवन के विभिन्न पहलुओं में प्रसन्नता और आनंद की खोज के तरीकों पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम वन विभाग के जयंती कुंज परिसर में संपन्न हुआ।

 

कार्यक्रम में एनएसएस की संयोजक डॉ. विनीत कश्यप, सह संयोजक डॉ. स्वाति शुक्ला और डॉ. सुलभा सिंह ने सक्रिय भूमिका निभाई। इस अवसर पर वरिष्ठ राजनीति शास्त्री डॉ. प्रीति पांडे भी मौजूद रहीं।

 

राजा आनंद संस्थान के जिला प्रमुख डॉ. मुकेश एंगल ने अपने वक्तव्य में युवाओं को प्रकृति से जुड़ने का संदेश दिया। उन्होंने कहा, “हम जितना अधिक प्रकृति के समीप रहेंगे, उतना ही अधिक प्रसन्नता का अनुभव करेंगे। प्रकृति हमें न केवल मानसिक शांति प्रदान करती है, बल्कि जीवन में संतुलन और सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित करती है।” उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे तनाव को अपने जीवन पर हावी न होने दें और आत्म-नियंत्रण के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें।

 

विद्यार्थियों ने इस संवाद सत्र में बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम ने उन्हें तनाव से निपटने के नए तरीके सिखाए और जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया। कई विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रकृति के सान्निध्य में आयोजित यह कार्यक्रम उनके लिए बेहद लाभदायक रहा।

 

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने आयोजन की सराहना की और इसे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला बताया। एनएसएस और कला संकाय के इस प्रयास ने न केवल विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया, बल्कि जीवन में प्रसन्नता और आत्म-नियंत्रण के महत्व को भी रेखांकित किया।

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