
महाकुम्भ नगर, प्रयागराज स्थित मेला शिविर में सेवा प्रदर्शनी एवं गंगा वंदन कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आदरणीय श्री रामाशीष ज़ी के द्वारा संपन्न हुआ।
विशाल समाचार संवाददाता इटावा
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा समारोह की प्रथम वर्षगांठ ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के पावन अवसर पर हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा कुम्भ, प्रयागराज (धर्म, आध्यात्म, संस्कार एवं सत्संग का अनूठा संगम) के महाकुम्भ नगर, प्रयागराज स्थित मेला शिविर में सेवा प्रदर्शनी एवं गंगा वंदन कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आदरणीय श्री रामाशीष ज़ी के द्वारा संपन्न हुआ।
विशिष्ट अतिथि के रूप में पूज्य स्वामी 1008 श्री हरि चैतन्य ब्रह्मचारी ‘टीकरमाफी’ ज़ी महराज, पूर्व सांसद केशरी देवी पटेल, राधा कांत ओझा पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन,डॉ विश्वनाथ लाल निगम रहे।
अध्यक्षता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आदरणीय प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी जी ने की।
गंगा वंदन कार्यक्रम का संयोजन करते हुए अनामिका चौधरी निषाद ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया तत्पश्चात् गंगा विचार मंच के पदाधिकारियों एवं समाज के विभिन्न सामाजिक संगठनों के बंधुओं को अतिथियों द्वारा सभी को अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित कराया।
सम्मानित हुए लोगों में मुख्य रूप से सर्वश्री अवधेश निषाद महानगर संयोजक, रंजना मिश्रा, विवेक जायसवाल, नीलम शुक्ला, जान्हवी निषाद, अरूण निषाद,राम कुमार शर्मा अध्यक्ष नाई समाज, दिलीप सेन महामंत्री नाई समाज,आकाश निषाद, सुनील निषाद रसूलाबाद घाट संयोजक, राजकुमार निषाद, रचना शुक्ला, माला चतुर्वेदी, शशि सिंह, सरिता त्रिपाठी, ज्योति सिंह, चंद्र भान द्विवेदी एवं अभिषेक दुबे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, प्रदीप कुमार, योग गुरु आचार्य कौशल किशोर मिश्र, डॉ बविता वर्मा एवं उनकी सांस्कृतिक टीम आदि रहे।
र्यक्रम को सफल बनाने में भगवान श्री राम दरबार का बहुत बड़ा योगदान रहा।अंत में जय त्रिवेणी जय प्रयाग के बटुकों द्वारा गंगा आरती किया गया।
विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि हिन्दू आध्यामिक एवं सेवा संस्थान, समाज में वनों की रक्षा और वन्य जीवों का संरक्षण, पारिस्थितिकी और पर्यावरण का संरक्षण, माता-पिता, शिक्षकों तथा अपनों से बड़ों के प्रति सम्मान, बालिकाओं और मातृत्व का सम्मान तथा राष्ट्र एवं राष्ट्रीय वीर योद्धाओं के प्रति सम्मान के भाव जागरण हेतु कटिबद्ध है।
आइये इस ‘महाकुम्भ’ एवं ‘सेवा कुम्भ’ में आप संत प्रवर, आचार्यगण, शिक्षाविद्, छात्र, स्वयं व परिवार के साथ मंगलवेश में पधार, सक्रिय सहभाग करें।