वेदांता टीएनएफडी रिपोर्टिंग में अग्रणी, खनन में स्थायित्व के लिए नए मानक स्थापित किए
धातु एवं खनन क्षेत्र में लीडर वेदांता ने जैव विविधता प्रबन्धन तथा प्रकृति के अनुकूल कारोबार रणनीतियों में स्थापित किए नए बेंचमार्क,
नई दिल्लीः प्राकृतिक संसाधनों, नवीकरणीय उर्जा, महत्वपूर्ण मिनरल्स, सामुदायिक कल्याण और कार्यबल विविधता में ग्लोबल लीडर वेदांता लिमिटेड ने अपनी पहली टीएनएफडी (टास्कफोर्स ऑन नेचर-रिलेटेड फाइनैंशियल डिस्क्लोज़र) रिपोर्ट पेश की है।
टीएनएफडी रिपोर्ट कारोबारों के लिए मूल्यांकन एवं प्रबन्धन के नए मानक स्थापित करती है, प्रकृति पर उनकी निर्भरता और प्रभावों को स्पष्ट करती है। जैवविविधता के नुकसान और जलवायु परिवर्तन की समस्याओं को जल्द से जल्द हल करने के प्रयास में यह रिपोर्ट वेदांता के संचालन को विश्वस्तरीय स्थायित्व के लक्ष्यों के अनुरूप बनाने के लिए महत्वपूर्ण टूल की भूमिका निभाती है। यह पारदर्शिता और जवाबदेहिता के लिए वेदांता की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करती है जो इसकी पर्यावरणी, सामाजिक एवं प्रशासनिक रणनीति के मुख्य स्तंभ हैं। यह रिपोर्ट स्थायी विकास के अवसरों का लाभ उठाते हुए प्रकृति संबंधी जोखिमों को कम करने के कंपनी के प्रयासों पर भी रोशनी डालती है।
‘‘रिपोर्ट का लॉन्च प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन में कॉर्पोरेट जवाबदेहिता को आकार देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह हमारी कारोबार रणनीतियों में जैव विविधता से जुड़े विचारों को शामिल करने में कारगर है, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थायी आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देती है। हमें विश्वास है कि हमारी यह पहल सेक्टर के अन्य प्लेयर्स को भी इसी तरह के बदलावकारी दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।’ प्रिया अग्रवाल हेब्बर, चेयरपर्सन, हिंदुस्तान ज़िंक एवं नॉन-एक्ज़क्टिव डायरेक्टर, वेदांता लिमिटेड ने कहा।
कंपनी ने सभी ऑपरेशनल साईटस पर जैव विविधता के प्रभाव के व्यापक मूल्यांकन के लिए बदलावकारी पहलों को अंजाम दिया है, जैसे 12900 हेक्टेयर को कवर करने वाला बायोडाइवर्सिटी ऑफसेट एग्रीमेन्ट तथा इन प्रयासों को मान्यता देने के लिए स्वतन्त्र ऑडिट। इसके अलावा कंपनी ने 1टी डॉट ओआरजी पहल के तहत 2030 तक 7 मिलियन पेड़ उगाने के लक्ष्य के साथ 2.2 मिलियन से अधिक पेड़ लगाए हैं। कंपनी ने पांच बिज़नेस युनिट्स में जल सकारात्मकता अनुपात हासिल किया है, जिससे 2021 के बाद से ताज़े जल की निकासी में 2.7 फीसदी की कमी आई है। कंपनी ने अपने वेस्ट-टू-वेल्थ प्रोग्राम को भी सराहनीय रूप से आगे बढ़ाया है।
वेदांता का अग्रगामी दृष्टिकोण भावी चक्र में अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम वैल्यू चेन को शामिल करने पर ज़ोर देता है, तथा 2050 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन और शुद्ध-सकारात्मक जैवविधिता प्रभाव हासिल करने के लिए प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। कंपनी के प्रयास न सिर्फ सिस्टम को लाभान्वित करते हैं बल्कि प्राकृतिक संसाधन सेक्टर में स्थायित्व के नए मानक भी स्थापित करते हैं।