
धमकी देते थे, पुलिसवाले कहते-लौट जाओ बांग्लादेश…40 साल इंतजार के बाद महिला बोली-थैंक्यू मोदी सरकार!
खुशी इतनी है कि खाना भी नहीं खा पा रही…ये उद्गार उस महिला के हैं जिन्होंने अपनी नागरिकता के लिए भारत में 40 वर्षों तक संघर्ष किया. इस दौरान कई स्तरों पर उन्हें उपेक्षा का दंश भी झेलना पड़ा. बांग्लादेश भेज देने की धमकी के साथ पुलिसवालों ने हड़काया, लोगों ने ताने मारे. कई बार तो इतनी परेशान होतीं कि वह रो पड़तीं. अब वह नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद कह रही हैं. आखिर क्या है सुमित्रा प्रसाद की कहानी…आगे विस्तार से पढ़िये.
आरा : कहते हैं इंतजार की घड़ियां लंबी होती हैं…मगर कितनी? यह आरा की रहने वाली एक सुमित्रा प्रसाद उर्फ रानी साहा से पूछिये. बिहार के आरा में एक सुमित्रा प्रसाद ने भारतीय नागरिकता के लिए 40 वर्षों का लंबा इंतजार किया. पिछले 40 वर्षों से आरा शहर के चित्र टोली रोड में वीजा लेकर रह रही थीं, लेकिन अब इनको भारतीय नागरिकता मिल चुकी है. पिछले 40 वर्षों से अपनी नागरिकता को लेकर कभी थाने तो कभी वीजा के लिए एंबेसी के चक्कर लगा रही थी. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद देते हुए सुमित्रा प्रसाद उर्फ रानी साहा ने अपनी पूरी कहानी बताई जो काफी हैरान करती है. उन्हें इस दौरान अपने ही लोगों के बीच उपेक्षा झेलनी पड़ी. पुलिसवालों के सख्त तेवर के साथ ही लोगों से दुर्व्यवहार भी झेलना पड़ा. लेकिन, लेकिन अब वह इत्मीनान हैं और केंद्र की मोदी सरकार को थैंक्यू कह रही हैं