मोदी जी क्या पत्रकारों को यही दिन देखना वाकी था, देखने को,आपको हस्तक्षेप करना होगा
बिहार पुलिस ने प्रेसवार्ता बहुत कुछ झूठ वोला, यहां ढूंढा वहां ढूंढा सब झूठ मनीष कश्यप ने खुद आत्म समर्पण किया ,
जिस तरह तरह की फोटो वायरल की जा रही वह मानवता के खिलाफ है.. मनीष कश्यप कोई आतंकी संगठन से नहीं था वह एक पत्रकार था.. पुलिस को धिक्कार है इस तरह की एडिटिंग फोटो वायरल करना…
कानून अपराध है…!
क्या पत्रकारों के लिए कानून दिखावां,जो पत्रकारों के काम में रूकावट डालेगा तो ,उसको सरकारी काम बांधा डालने पर कानून बना ….किधर गया वह कानून..!
दिल्ली: बिहार सरकार की खामियां दिखाना एक पत्रकार को भारी पड़ा क्या देश विदेशों में किरकिरी हो रही है।बड़े शर्म की वात अगर पत्रकारों के साथ यही करना है तो ..आप पत्रकारिता, सूचना प्रसारण मंत्रालय हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दो । देश में कोई भी पत्रकार नाम रहेगा ही नहीं ।
करते रहो अपनी मनमानी,आपका पैसा भी बचेगा,
रहा बचा बाकी वहीं समाप्त हो जायेगा।
विदेशी ताकतों को भी मालूम हो जायेगा भारत कहां पर कमजोर है।वश वश करो
आज मनीष कश्यप ही नहीं वल्कि इसके पहले भी आप लोग पत्रकारों के साथ करते रहे।इसके पहले भी कई पत्रकारों की हत्या कर दी गई।
क्या पत्रकारों के लिए यही कानून बना है…!
कश्यप को जेल, पुलिस रिमांड पर तमिलनाडु पुलिस को सौंप दिया
यहां किधर की न्याय व्यवस्था है।
क्या इस तरह के पत्रकारों पर हमले होते रहेंगे और कबतक बर्दाश्त करते रहेंगे
जितना लिखूं उतना कम है।
आज उस पत्रकार के साथ हुआ …तो कल हमारे साथ हो सकता है।
मगर सर झुकाएंगे नहीं सर कटा सकते हैं लेकिन
से खौफ लिखते रहेंगे
किसी नेता ,मंत्री हो उनका बेटा हो ,तो उनको तुरंत जमानत, पत्रकार को पुलिस रिमांड जय हो नितीश सरकार की…. क्या खेल चल रहा….
जय हिंद