अपराधपूणे

आंबवणे के घोटाले में लिप्त पूर्व सरपंच मच्छिंद्र कराले की सरकार जांच करेः ग्राम पंचायत सदस्यों की मांग

आंबवणे के घोटाले में लिप्त पूर्व सरपंच मच्छिंद्र कराले की सरकार जांच करेः ग्राम पंचायत सदस्यों की मांग

निजी लाभ के लिए करोड़ों रुपए की धनराशि का दुरुपयोग

 

पुणे : मुलशी तहसील के आंबवणे ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच मच्छिंद्र चंद्रकांत कराले ने २७ लाख रुपये का घोटाला किया है. साथ ही २०१८ से २०२३ के बीच आंबवणे ग्राम पंचायत के लिए १५ प्रतिशत पिछड़ा वर्ग के लिए उपलब्ध निधि में लभग १ करोड़ १६ लाख ४० हजार ६२७ रुपये, ५ प्रतिशत विकलांग निधि में २० लाख ५७ हजार १३७ रुपये और गांव के में कंक्रीट सडक के लिए ५ करोड ४६ लाख ८२ हजार ५४२ रुपये खर्च का डिफरन्स दिखाई दे रहा है. इसलिए सरकार को घोटाले में लिप्त सरपंच कराले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और उसकी संपत्ति की जांच करनी चाहिए. यह मांग आंबवणे ग्राम पंचायत के उपसरपंच नीलेश लक्ष्मण मेंंगडे, पूर्व सरपंच व वर्तमान सदस्य सुनील हुंडारे, ज्ञानेश्वर लोखरे, श्रीमती कोमल फाटक, श्रीमती अक्षरा दलवी और श्रीमती मेघा नेवासकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा.

हालांकि उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि घोटाले में लिप्त सरपंच मच्छिंद्र की पत्नी शिता मच्छिंद्र कराले, जो १३ महीने से सरपंच पद पर हैं वे इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहीं है.

उपसरपंच नीलेश मेंगडे ने कहा कि मच्छिंद्र कराले ने ५ साल की अवधि में १० से १२ करोड रूपये का काम किया. संदेह है कि इसमें करोडों रूपए का गबन किया गया है. बताया गया है कि वर्ष २०२२ में २७ लाख रूपए की लागत की सडक का निर्माण कराया जाएगा. लेकिन हकीकत में वहां कोई सडक नहीं है. जब नए सदस्यों को यह मामला नजर आया तो उन्होंने संबंधित विभाग को आवेदन देकर जांच की मांग की. सरकार ने एक समिति गठित की और जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की. इसमें यह पाया गया है कि हमने जो मुद्दे उठाए थे वे सहीं हैं. हालांकि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से मुझे डिप्टी सीईओ नवले साहब पर संदेह होने लगा है.

ग्राम पंचायत सदस्य सुनील हुंडारे ने बताया कि मच्छिंद्र कराले उन पर लोगों से किश्तें वसूलने, ग्राम पंचायत में कोई नया बंगला या प्रोजेक्ट शुरू करना हो तो एनओसी के लिए पैसे ऐंठने और निर्माण के लिए जरूरी सभी सामग्री प्राप्त करने की शर्तें थोप रहे हैं. उससे पत्थर, मिट्टी, ईंटे और रेत जैसे काम लिए गए. वे लगातार लोगों को धमका रहे हैं, उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं, झूठे

 

मामले दर्ज कर रहे हैं और धन के बल पर अधिकारियों से छल कर रहे हैं. इस परेशानी से तंग आकर एक व्यक्ति ने भ्रष्टाचार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में शिकायत दर्ज कराई तो विभाग ने जाल बिछाकर उसे रंगे हाथों पकड लिया.

श्रीमती कोमल फाटक ने बताया कि वे एंबी वैली में कार्यक्रम के लिए एनओसी के लिए संबंधित लोगों से पैसे वसूलना, पैसे न देने पर कार्यक्रम बंद करने की धमकी दे रहे थे. एंबी वैली प्रबंधन को धमकाना और जान से मारने की धमकी देना. यदि एंबी वैली का काम नहीं मिला तो बकाया कर वसूलने की धमकी देना, सरपंच के पांच साल के कार्यकाल के दौरान नियमानुसार कोई टेंडर जारी नहीं किया गया है. उन्होंने अपनी पसंद के ठेकेदारों को नियुक्त करके भी बडा भ्रष्टाचार किया है.

श्रीमती अक्षरा दलवी ने कहा कि उन्होंने ग्राम पंचायत की महत्वपूर्ण योजनाओं की अनदेखी करते हुए उपलब्ध धनराशि का उपयोग अपने फायदे के लिए किया. उन्होंने सडक निर्माण के लिए अपना स्वयं का कंक्रीट संयंत्र बनाया. इसके बाद ग्राम पंचायत ने नियमों को ताक पर रखकर ग्राम पंचायत निधि से ग्रामीणों के लिए आंगन और निजी रास्ते का निर्माण कर पक्के निर्माण कार्य जारी रखा. यह निधि जो महिला एवं बाल कल्याण, विकलांगो और पिछड़े वर्गों के लिए थी, सड़कों पर खर्च कर दी गई, लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है.

पंचायत राज व्यवस्था में पंचायत एवं ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए जिम्मेदार लोग ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. स्थिति यह है कि उपसरपंच नीलेश मेंगडे ने आरोप लगाया है कि वर्तमान सरपंच शिता मच्छिंद्र कराले और पूर्व सरपंच मच्छिंद्र चंद्रकांत कराले ने पूरे आंबवणे गांव के विकास निधि का दुरुपयोग किया है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button