
सफेदपोश नेताओं का हाथ हो सकता है। जानकारी के मुताबिक:- डीएफओ अतुलकांत शुकला ने कहा
…… जनवरी के ही महिने में क्यों ?इसी वर्ष भी जनवरी महिने ?….एक ही वन दरोगा के क्षेत्र व एक ही क्षेत्राधिकारी के क्षेत्र में क्यों पकड़े जाते कछुए?
इटावा शिवराज सिंह राजपूत
इटावा वन विभाग और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में 528 कछुए बरामद, तस्कर गिरफ्तार ..
मैनपुरी जनपद में वन्यजीव तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में वन विभाग और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 528 कछुओं को तस्करी से बचा लिया। यह कार्रवाई तब हुई जब मुखबिर की सूचना पर एक ट्रक को रोका गया। ट्रक में सुंदरी प्रजाति के कछुए मिले, जिन्हें कोलकाता के रास्ते बांग्लादेश भेजे जाने की योजना थी।
डीएफओ अतुल कांत शुक्ला का बयान
डीएफओ अतुल कांत शुक्ला ने बताया कि तस्करी का मास्टरमाइंड गिरेंद्र सिंह, जो नगला जैंखा, थाना बिछवा, जिला मैनपुरी का निवासी है, को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि तस्करी में कुछ सफेदपोश नेताओं का भी हाथ हो सकता है। अधिकारियों ने इन संदिग्ध नेताओं के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
प्रजाति की विशेषता और खतरा
सुंदरी प्रजाति के कछुए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित हैं। यह प्रजाति विशेष रूप से अपनी चमकदार खाल और मांस के लिए तस्करों के निशाने पर रहती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन कछुओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़ी मांग है।
तस्करी का नेटवर्क
गिरफ्तार तस्कर से मिले सुरागों से पता चलता है कि यह तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क है, जो उत्तर प्रदेश से शुरू होकर बांग्लादेश तक फैला है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि कछुए मैनपुरी से कोलकाता लाए जाने थे और फिर बांग्लादेश में अवैध बाजारों में बेचे जाने की योजना थी।
वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता
वन विभाग के अधिकारियों ने इस कार्रवाई को वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक बड़ी सफलता बताया है। उन्होंने जनता से अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि की जानकारी मिले, तो तुरंत सूचना दें।
इस प्रकार की तस्करी न केवल वन्यजीवों के अस्तित्व के लिए खतरा है, बल्कि पर्यावरण संतुलन को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है। वन विभाग और एसटीएफ की यह कार्रवाई निश्चित रूप से तस्करों के मनोबल को तोड़ने का काम करेगी।
आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार तस्कर से गहन पूछताछ की जा रही है। इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और सफेदपोश नेताओं के नाम सामने आने की संभावना है। वन विभाग ने साफ किया है कि दोषियों को कानून के दायरे में लाकर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विशाल समाचार पत्र न्यूज चैनल के संवाददाता को निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग कार्यालय इटावा (यूपी)के वारे में सूत्रों ने बताया कि सहाब यह तो कुछ नहीं बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का समुद्र है । कछुए भी पिछले वर्ष जनवरी में पकड़े गये थे?और इस वर्ष भी इसी महिने जनवरी में पकड़े गये।?हर एक काम में घोटाला है? .. …एक ही क्षेत्राधिकारी और एक ही वन दरोगा के क्षेत्र में ऐसा होता?वन मंत्री कीर्ति बर्धन सिंह उत्तर प्रदेश शासन जबाव दें.