पूणे

एनएबीएच ने अपने प्रमाणन कार्यक्रमों में फॉग्‍सी के मातृ स्वास्थ्य मानकों को शामिल किया

एनएबीएच ने अपने प्रमाणन कार्यक्रमों में फॉग्‍सी के मातृ स्वास्थ्य मानकों को शामिल किया

 

 

पुणे, : नैशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच) ने फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (फॉग्‍सी) के मान्यता मातृ स्वास्थ्य गुणवत्ता मानकों को एनएबीएच प्रमाणन (सर्टिफिकेशन) कार्यक्रमों में शामिल कर लिया है।

 

 

 

यह कदम, मातृत्व सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और भारत सरकार के ‘एक राष्ट्र एक मानक’ के नजरिये को आगे बढ़ाने के लिए एनएबीएच और फॉग्‍सी के बीच 2022 में किए गए रणनीतिक सहयोग का हिस्सा है। देश भर में समान मानकों को अपनाने के माध्यम से मातृ स्वास्थ्य देखभाल में मानकीकरण को बढ़ावा देकर, यह सहयोग व्यवस्थागत सुधार में तेजी लाएगा और यूनिवर्सल हेल्‍थ कवरेज हासिल करने के प्रयासों में योगदान देगा।

 

 

 

मान्यता, फॉग्‍सी की प्रमुख गुणवत्ता सुधार और प्रमाणन पहल है जो प्रसव के दौरान और बाद में माताओं के लिए स्थिर, सुरक्षित और सम्मानजनक देखभाल सुनिश्चित करने की दिशा में गुणवत्ता मुहर के रूप में काम करता है। यह प्रसवपूर्व, प्रसव के दौरान और प्रसव बाद देखभाल के लिए मातृ स्वास्थ्य में गुणवत्ता देखभाल के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों पर आधारित साक्ष्य-आधारित नैदानिक मानकों को अपनाने को बढ़ावा देता है।

 

 

 

इस साझेदारी के लिए एक पायलट कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जहां मान्यता मानकों पर प्रशिक्षित 200 निजी मातृत्व सुविधाओं का एनएबीएच मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा मूल्यांकन किया गया था, जिन्हें विशेष रूप से फॉग्‍सी द्वारा इस उद्देश्य के लिए शामिल और प्रशिक्षित किया गया था।

 

 

 

फॉग्‍सी या एनएबीएच मूल्यांकनकर्ताओं के केंद्रों के मूल्यांकन के दौरान पायलट कार्यक्रम के नतीजों में प्रमाणन की सफलता दर स्थिर रही । एनएबीएच का एंट्री-लेवल प्रमाणन प्राप्त करने वाले केंद्र एनएबीएच और मान्यता के लिए दोहरे प्रमाणन हासिल करने में सक्षम होंगी, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल मानकों और विशेष मातृत्व देखभाल प्रोटोकॉल दोनों के साथ उनके अनुपालन को मान्यता देते हुए एनएबीएच होप पोर्टल आवेदन की प्रॉसेसिंग और मूल्यांकन के लिए एक डिजिटल मंच प्रदान करेगा।

 

 

 

इसके अतिरिक्त, अपने नेटवर्क का लाभ उठाते हुए, फॉग्‍सी उन मूल्यांकनकर्ताओं की पहचान करेगा जिन्हें प्रसूति और स्त्री रोग में विशेषज्ञता वाले एनएबीएच मूल्यांकनकर्ताओं का एक समर्पित पूल बनाने के लिए एनएबीएच द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।

 

 

 

एनएबीएच के अध्यक्ष रिजवान कोइता ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए समान मानक महत्वपूर्ण हैं कि हर माँ को लगातार देखभाल मिले, चाहे उसका प्रसव कहीं भी हो। एनएबीएच प्रमाणन कार्यक्रमों में ‘मान्यता’ दिशानिर्देशों को शामिल करके, हम न केवल अपने एक्रिडिटेशन ढांचे को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि मातृ स्वास्थ्य के लिए एक नया मानक भी स्थापित कर रहे हैं। यह मानकीकरण पूरे भारत में मातृ देखभाल को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, एनएबीएच अस्पतालों और मां एवं बच्चे की देखभाल में लगे HIS/EMR सिस्टम के लिए एनएबीएच डिजिटल स्वास्थ्य मानकों में मातृ स्वास्थ्य दिशानिर्देशों को शामिल करेगा।”

 

 

 

फॉग्‍सी की महासचिव डॉ. माधुरी पटेल ने कहा, “पिछले दो दशकों में 1.3 मिलियन भारतीय महिलाओं की मातृ कारणों की वजह से मृत्यु हुई है और मातृ मृत्यु दर में 70% की संपूर्ण गिरावट के बावजूद, इस प्रगति में तेजी लाने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र के 2030 सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने और यूनिवर्सल हेल्‍थ कवरेज को साकार करने के लिए, हमें स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को मजबूत करने के अपने संकल्प को और मजबूत करना होगा। सहयोग की शक्ति का उपयोग करते हुए हम देखभाल प्रोटोकॉल को मानकीकृत कर सकते हैं, सर्विस डिलीवरी में सुधार कर सकते हैं और स्थायी समाधान बना सकते हैं जो मातृ स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच को बेहतर बनाता है।”

 

 

 

एफआईजीओ एशिया ओशेनिया के ट्रस्टी, फॉग्‍सी के पूर्व प्रेसिडेंट और फॉग्‍सी मान्यता पहल के मुख्य प्रशासक डॉ. हृषिकेश डी पाई ने कहा, “फॉग्‍सी और एनएबीएच के बीच सहयोग निजी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उत्कृष्टता, जवाबदेही और मरीज केंद्रित देखभाल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम इस सफलता को आगे बढ़ाने के साथ ही इसके प्रभाव

 

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